रोगों की सूची

हमारे यहाँ सभी प्रकार की छाती, साँस, एलर्जी, दमा, टी.बी. एवं खर्राटें की बीमारियों का इलाज विशेषता से किया जाता है | यह इलाज वैज्ञानिक होकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मापदण्ड के समक्ष है | इस प्रकार आपको अपनी बीमारी की सटीक पकड़ व सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध होता है |   यहीं हमारी सफलता का राज हैं |
ENJOY THE SCIETIFIC NEW WAYS of THINKING by OUR EXPERT Dr S Z JAFREY and his TEAM MEMBERS……


दमा

दमा, श्वासदमा, ब्रोंकाइटिस एक ही रोग के अलग अलग नाम हैं. सांस में होने वाली तकलीफ का मूल आमतौर पर एलर्जी का लक्षण हैं | अभी हम इसके इलाज के लिए "इन्हेलेशन थेरेपी" का उपयोग कर रहे हैं अस्थमा इंटरनेशनल "जीना" और ASIT (एलर्जी टीके) दिशानिर्देश के अनुसार प्रबंधित किया जाता है और जो आज की स्थिति के अनुसार सबसे अच्छा परिणाम देता है |

नाक की एलर्जी

नाक की एलर्जी और साइनसाइटिस एलर्जी का सबसे अच्छा एलर्जी टेस्ट + एलर्जी टीके + दवाओं की एलर्जी के बचाव के साथ, डॉ. जाफ़री अपने इंदौर चेस्ट एंड एलर्जी सेंटर पर इलाज कर रहे हैं | इंदौर चेस्ट एंड एलर्जी सेंटर इस उद्देश्य के लिए सबसे पसंदीदा जगह है | नाक बहना, नाक में खुजली आना, भरी हुई नाक, बार बार छींकने आना एलर्जी के सामान्य लक्षण हैं |


धूम्रपान करने वालों का अस्थमा

सीओपीडी धूम्रपान करने वालों की बीमारी है यह अच्छी तरह से चेस्ट सेंटर पर ध्यान रखा जाता है सभी रोगियों का स्पिरोमेट्री पर नियमित आधार जांच करते हैं |

ब्रोंकाइटिस

अस्थमा को अक्सर ब्रोंकाइटिस के रूप में बुलाया जाता हैं इसकी पुष्टि करने के लिए हम स्पिरोमेट्री जैसे साधारण परीक्षण कर इसकी पुष्टि करेंते हैं |

आँखों की एलर्जी

आँखें लाल रहना, आँखों से पानी आना, आँखें में खुजली चलना इस बीमारी का संकेत है. एलर्जी का टीका ही एक स्थायी समाधान है इस बीमारी के उपचार के लिए |

ददोड़े / पित्ती / एक्जिमा

स्किन एलर्जी और पित्ती आम बीमारियां हैं जहां सिर्फ दवाएं पर्याप्त नहीं हैं, इसमे यह पता लगाना होता है की कौनसा रोगी किस एलर्जी से पीड़ित है इसके लिए हमें एलर्जन से बचाव करना चाहिए और कुछ मामलों में एलर्जी का टीका बहुत अच्छी तरह से काम करता हैं |

तीव्रग्राहिता

गंभीर ड्रग एलर्जी से, किसी तरह के सदमे से या कीटों के काटने से अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कर सकते हैं. कीट-पतंगे (मधुमख्खी आदि) काटने के उपरांत गंभीर तीव्रग्राहिता पैदा कर सकते है एलर्जी के टीके सिर्फ कीट के काटने के बाद होने वाली एलर्जी का इलाज करते है |

दवाओं से एलर्जी

ड्रग एलर्जी परीक्षण से उन दवाओं के बारे में आपको पता हो जाता है जिससे आपको परहेज करना है इससे प्रकार जीवन सुरक्षसित हो जाता है |

भोजन (खाना) से एलर्जी

त्वचा खाद्य एलर्जी परीक्षण वयस्कों में और सीरम या रक्त द्वारा एलर्जी टेस्ट की मदद से बच्चों में खाद्य पदार्थो से होने वाली एलर्जी का पता लगाया जाता है जांच उपरांत रोगी को उन्हें नियंत्रित करने के लिए विशेष रूप से परहेज करने के लिए दवाइयाँ व दिशा-निर्देश दिये जाते है |

कीटों के जहर से अतिसंवेदनशीलता

कीट-पतंगे (मधुमख्खी आदि) काटने के उपरांत गंभीर तीव्रग्राहिता पैदा कर सकते है एलर्जी के टीके बस हमेशा के लिए कीड़े के काटने से होने वाली एलर्जी का इलाज का इलाज करते है | टीके इसके लिए एक शत प्रतिशत एक मात्र उपयोगी उपचार है जो रोगी का जीवन बचाने में मददगार है |

क्षय या टीबीरोग (फेफड़ो का रोग)

फेफड़ो की टीबी भारत में आम है इसके उपचार हेतु नियमित आधार पर 6-9 महीनों के लिए जरूरत होती है |

क्षय या टीबी रोग (पेट, मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, जोड़ों आदि)

एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी मधुमेह रोगियों, एड्स रोगियों आदि के लिए आम है, यह आंतों और मनुष्य के दिमाग व रीढ़ की हड्डी को काफी प्रभावित कर सकता है, ऐसे में इसके लिए सभी विशेषज्ञ द्वारा विशिष्ट दृष्टिकोण की जरूरत है |

कई प्रतिरोधी दवाओं से टीबी

क्षय या टीबी रोग शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता हैं मुख्यरूप से फेफड़ो को | कभी कभी ये नियमित इलाज से भी ठीक नहीं हो पता है इसलिए इन मामलों का निदान और इलाज बहुत ही जरूरी हैं |
छाती का एक्स रे में हाजिर / अस्पष्टता है, जो किसी भी मरीज को वह / वह टीबी है कि क्या स्थापित करने के लिए हमें यात्रा करनी चाहिए

कोई भी मरीज जो इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर छाती का एक्स रे निकलवा कर डॉक्टर द्वारा स्पष्ट जांच करने के उपरांत इलाज के लिए दिए गए दिशा-निर्देशो का पालन करना चाहिए |


निमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण)

निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है और कुछ समय के बाद यह बहुत ही गंभीर बात हो सकती है इसलिए जितनी जल्दी हो सके हमें डॉक्टर को दिखाया जाना चाहिए |

परिफुफ्फुसशोथ (फुफ्फुस बहाव))

सीने में द्रव को परिफुफ्फुसशोथ कहा जाता है जिसे विशेष परीक्षण की जरूरत है जो की हमारे केन्द्र पर उपलब्ध हैं |

गैर जिम्मेदार खांसी / सूखी खाँसी

सूखी खाँसी, लगातार चलने वाली खाँसी या ठसके के साथ चलने वाली खाँसी जिसमें अक्सर खाँसी के साथ उल्टी होती है एक अतिगंभीर बीमारी है जो की एलर्जी या दमा हो सकती है ऐसी खाँसी के लिए हमारे डॉक्टर और हमारा सेंटर इसमे विशेषज्ञ हैं |

थूक में खून आना

यह अक्सर टीबी या कैंसर का संकेत है. यह एक गंभीर समस्या है और इसके लिए तत्काल प्रबंधन की जरूरत है |

श्वासनलियों का फैलाव

यहाँ फेफड़ों में कई छेद हो जाते हैं जिन्हें हम अपने मरीजो को इलाज के लिए प्रशिक्षित करते है और प्रभावित फेफड़ो को ऑपरेशन द्वारा ठीक करते है |

अज्ञात पल्मोनरी फाइब्रोसिस / फेफड़ों के मध्य का रोग (आईएलडी)

यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसे Pulmonologist की पूर्ण देखभाल की जरूरत होती है. हम इस क्षेत्र में पिछले 22 वर्षो से विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहें है |


रुमेटी फेफड़े

रुमेटी गठिया अक्सर फेफड़ों शामिल है |

सिस्टिक फाइब्रोसिस

इस जन्मजात रोग में विशेष देखभाल और फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है |

स्लीप एपनिया

इंदौर चेस्ट एंड एलर्जी सेंटर मध्यप्रदेश व छत्तीसगड़ के कुछ स्थानों में से एक विश्वशनीय स्थान है जहाँ नींद से संबन्धित बीमारी का सहीं तरीके से इलाज किया जाता है जहाँ नींद के अध्ययन के लिए स्वयं की PSG मशीन एवं प्रशिक्षित टेकनीशियन है जो मरीज के घर पर नींद के अध्ययन के लिए मशीन लगाते है हमारें पास 39 चैनल की PSG नई पोर्टेबल मशीनों है जो बेहतर डाटा रिपोर्ट देती है |

व्यावसायिक फेफड़ों के रोग

बाईसिनोसिस कपास मिल के मजदूरों या कोयला खदान के कुछ श्रमिकों में यह रोग होता हैं हमारे चेस्ट सेंटर में अच्छी तरह से इन रोगों का इलाज किया जाता है |

फेफड़ों का कैंसर

फेफड़ों का कैंसर घातक बीमारी है और ज्यादातर धूम्रपान करने वालों को होता है जिसके लिए चरण = 1 में इलाज संभव है इसकी जल्दी व सहीं जांच के लिए ब्रोंकोस्कोपी जरूरी है जिसके लिए हमारा केंद्र एक सहीं उपचार उपलब्ध करता है हम शहर में सबसे अच्छी जगहों पर भी रेडियोथेरेपी की व्यवस्था कर सकते हैं |

सांस की तकलीफ

सांस की तकलीफ के कई कारण हैं यह दिल की बीमारी या फेफड़ो की बीमारी हो सकती है इसकी पुष्टि करने के लिए हमारे चेस्ट सेंटर पर आ कर डॉक्टर जाफरी द्वारा उचित परामर्श लेवें |

अज्ञात कारणों से बुखार

डॉ. जाफरी की जिस कारण से बुखार ज्ञात नहीं हो पता है के विषय में विशेष रुचि है कई बार अन्य डॉक्टर बुखार किस कारणों से बता नहीं पाते इस तरह के मरीजों का डॉ. जाफ़री विशेष इलाज व परामर्श देते है |

प्रतिरक्षा विकारों


अस्थिसंधिशोथ


रुमेटी गठिया


फैली हुई हृदय की पेशियों का रोग

कार्डियोमायोपैथी (डीसीएम) हृदय मांसपेशियों की बीमारियों को दर्शाता है, कार्डियोमायोपैथी में, हृदय की मांसपेशी फैली हुई हो जाती है दिल कमजोर हो जाता है यह शरीर में रक्त पंप करने और एक सामान्य ऊर्जा बनाए रखने के लिए कम सक्षम हो जाता है इसमें दिल की धड़कन का रुकना या अनियमित रूप से कार्य करना या धड़कनों का बड़ जाना होता है जिससे शरीर के अन्य भागों के कार्यों में भी अनियमितता आ सकती है अतः यह गंभीर है व इसका इलाज बहुत आवश्यक है |

हृदय का रुकना / कोर


पल्मोनरी उच्च रक्तचाप

पल्मोनरी उच्च रक्तचाप (PAH) एक फेफड़ों की धमनियों में होने वाला असामान्य रूप से उच्च रक्तचाप है यह अपना कार्य दिल के दाएँ ओर बनाता है यह दिल के दाई ओर फेफड़ों के माध्यम से रक्त पंप व ऑक्सीज़न पहुचता है फिर दिल के बाईं ओर व पूरे शरीर में रक्त पंप किया जाता है

हृदय रोग

हृदय रोग या हृदयनलिका रोग ऐसे रोगों का एक समूह है, जो हृदय या रक्त नलिकाओं (धमनियां और शिराएं) को ग्रस्त करते हैं. हालांकि इस शब्द का संबंध ऐसे किसी भी रोग से है जो हृदयनलिका तंत्र (MeSH C14 में प्रयोग) को प्रभावित करता हो, सामान्यतः इसका प्रयोग मेदकाठिन्य या एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी के रोग) से संबंधित रोगों के लिये किया जाता है. इन तंत्र और उपचार शर्तों के समान होता है.

व्यवहार में, हृदयनलिका रोग का उपचार हृदयरोगतज्ञों, वक्ष के शल्यचिकित्सकों, रक्तनलिकाओं के शल्यचिकित्सकों,नाड़ीरोगतज्ञों, और व्यवधानी रेडियोलाजिस्टों द्वारा किया जाता है, जिनका कार्यक्षेत्र उपचाराधीन अवयव तंत्र पर निर्भर करता है. विभिन्न विशेषज्ञताओं के बीच काफी आपसी आच्छादन होता है, और यह आम बात है कि एक ही अस्पताल में कतिपय प्रक्रियाएं भिन्न प्रकार के विशेषज्ञों द्वारा की जाती हैं |


मधुमेह या शक्कर की बीमारी

मधुमेह या शक्कर की बीमारी एक खतरनाक रोग है। यह बीमारी में हमारे शरीर में अग्नाशय द्वारा इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण होती है। रक्त ग्लूकोज स्तर बढ़ जाता है, साथ ही इन मरीजों में रक्त कोलेस्ट्रॉल, वसा के अवयव भी असामान्य हो जाते हैं। धमनियों में बदलाव होते हैं। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप

(HTN) हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानीचिकित्सीय स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव की इस वृद्धि के कारण, रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाये रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। रक्तचाप में दो माप शामिल होती हैं, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक, जो इस बात पर निर्भर करती है कि

हृदय की मांसपेशियों में संकुचन (सिस्टोल) हो रहा है या धड़कनों के बीच में तनाव मुक्तता (डायस्टोल) हो रही है। आराम के समय पर सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक (उच्चतम-रीडिंग) और 60-90 mmHg डायस्टोलिक (निचली-रीडिंग) की सीमा के भीतर होता है। उच्च रक्तचाप तब उपस्थित होता है यदि यह 90/140 mmHg पर या इसके ऊपर लगातार बना रहता है |


डिसलिपिडेमिया असामान्य कोलेस्ट्रॉल

डिसलिपिडेमिया एक रक्त में वसा की असामान्य राशि (कोलेस्ट्रॉल) है अक्सर इस आहार और जीवन शैली की वजह से है डिसलिपिडेमिया के नेतृत्व में इंसुलिन का स्तर काफी ज्यादा बड़ सकता है | यह दिल का दौरा और पक्षाघात के दौरे की उच्च संभावना का कारण बनता है |